Wednesday 1 March 2017

क्या शहाबुद्दीन सिर्फ मुसलमानों के नेता हैं ?

सिवान से तिहाड़
Photo Source : Facebook


जो सिवान शहर से है उससे शहाबुद्दीन का नाम दसकों से जुड़ा है और हमेशा जुड़ा रहेगा.
जब बात शहाबुद्दीन की होती है तो याद कॉम्रेड चंद्रशेखर आते हैं जिनको शहर के जे.पी. चौक पर गोलियों से छल्ली किया गया था.
आरोप उनपे आया लेकिन जाँच में कुछ नहीं निकला.
शहाबुद्दीन का नाम जब भी कोई नेता खुले मंच पे लेता है तो उसके सियासी फायदे होते हैं.

अमित शाह जब बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार कर रहे थे तब उन्होंने ये कहा था की भाजपा के हारने पर जेल में बैठे शहाबुद्दीन ख़ुश होंगे और पाकिस्तान में पटाखे फूटेंगे.
इस दिए गए भाषण को भी बिहार में भाजपा के हार के लिए दोषी समझा गया.
बीते हफ्ते शहाबुद्दीन के बेल को रद्द कर के वापस जेल भेज दिया गया.
नि:संदेह वो एक अपराधी हैं जिसे कानून नें करीब 11 सालों से जेल में रखा हुआ है. पर प्रशासन नें शहर के मौजूदा हालात पे रिपोर्ट तैय्यार करने से पहले क्रॉस चेक क्यों नहीं किया जिसमें ये कहा गया की उनके आने से शहर का माहौल बदल गया है ??
क्या मुख्यमंत्री के दबाव में वो रिपोर्ट तैय्यार हुआ जिससे वो 2000 में गिरे अपने सरकार का बदला ले सकें जिसका जिम्मेदार वो शहाबुद्दीन को मानते हैं ??
जुनूनी समर्थक इसे मुस्लिम होने की सज़ा कह रहे हैं.
लेकिन ये इतिहास रहा है कि डॉ.शहाबुद्दीन नें कभी भी धर्म की राजनीति नहीं की. फिर इसे हिंदू या मुस्लिम से क्यों जोड़ना ??
वहीं धर्म की राजनीति कर के आज लोग कुर्सी पे काबिज़ हैं.
शहाबुद्दीन के चाहने वाले उन्हे विकास पुरुष कहते हैं. एक बार तो साँसद द्वारा खर्च की जाने वाली पूरी राशी विकास के कामों में लगा कर वो अन्य नेताओं से अलग बन चुके हैं.

शहाबुद्दीन के बेल रद्द होने के दो तीन दिनों के बाद समझौता एक्सप्रेस धमाके के मुख्य आतंकी असीमानंद को कोर्ट नें बेल दे दिया. तब समर्थक इज़ इक्वल टू करने में लग गए. देश-विदेश में कैंडल मार्च निकाला, धरना दिया पर हाँथ कुछ न आया.
जब शहाबुद्दीन बेल पर थे तब मीडिया नें सिवान में फैले डर के माहौल को उजागर किया. डीबेट हुए, पैनलिस्ट बुलाए गए लेकिन शहर में ऐसा कुछ था ही नहीं.
खौफ़ में वो डॉक्टर हो गए थे जिनके सेवा के चार्ज को उसने दसकों पहले फिक्स कर दिया था, और उसके वो विरोधी जो उसका नाम और भय दिखा कर दसकों से शासन कर रहे हैं.
.
#Shahabuddin #Siwan

P.S. : This article has been posted on My Facebook Profile on 06th Oct 2016

No comments:

Post a Comment